Eid ul Adha kab hai 2023 | Bakrid 2023 Date in India

Eid ul Adha kab hai 2023 | Bakrid 2023 Date in India | 2023 mein Bakra Eid kab hai | Bakra Eid kis din hai

Bakrid 2023 Date in India

Bakrid 2023 Date in Bihar

29 June 2023 को Eid ul Adha (Bakrid) मनाई जाएगी.

19 जून 2023 की शाम को जिलहिज्जा का चांद नजर आ गया अत: 20 June 2023 को Dhil hijja की पहेली तारीख है.

जिलहिज्जा यानि बकरीद 10 जिलहिज्जा 1444 हिजरी को मनाई जाएगी।

29, 23 जून और 01 जुलाई 2023 को कुर्बानी के अय्याम होंगे।

Takbeer E Tashrik कब तक पढ़ेंगे?

जबकि तकबीर तशरीक 28 जून 2023 के फ़जर की नमाज़ से लेकर 02 जुलाई 2023 के अस्र की नमाज़ तक पढ़ी जाएगी।

Eid ul adha kab hai?

29 June 2023 (10 जिलहिज्जा 1444H) को Eid ul adha है।

Islam में दो प्रकार की Eid है, एक Eid uladha दूसरा Eid ulfitr है। Eid ul adha अरबिक महेना जिलहिज्जा की दसवीं तारीख को पूरी दुनियाँ के मुसलमान मनाते हैं।

उसी दिन मुसलमान Hajj का अहम रुकन भी अदा करते हैं। और हज का अंतिम दिन होता है।

बकरीद के महिना में ही हज होता है। जब हाजी हज के सारे अरकान पूरा करते हैं। बकरीद के दिन को यौमुन्नहर भी कहा जाता है।

“नबी ए करीम ने फरमाया कि अय्यामे जिहालत में लोग दो दिन खेल – कूद में गुजारते थे। तो रब ने इन दो दिनों के बदले दो दिन Eid ul-adha, और Eid ul-fitr अता किया है”।

Eid ul adha Bakrid 2023 किस दिन है?

त्योहारवर्षतिथि
Eid ul Adha202329 June 2023 Thursday
Eid ul Adha 202210 July 2022 Sunday
202121 July 2021 बुधवार
202001 August 2020

2023 में Eid ul Adha 29 June 2023 को होगी।

अरब देशों में Bakrid / Eid ul adha एक दिन पहले मनाई जाएगी। क्यूंकि अरब देशों में चाँद एशिया की तुलना में एक दिन दिख जाता है।

Eid ul adha Bakrid जिलहिज्ज का चाँद दिखने के बाद दस तारीख को मनाते हैं। इस्लामी त्योहार में हमेशा चाँद यानि इस्लामी कैलंडर के अनुसार ही मनाया जाता है।

Eid ul adha किस दिन मनाते हैं?

पूरी दुनिया के मुस्लमान इस्लामी कैलंडर की आखिरी महिना की दस तारीख को Eid ul adha बड़े ही धूम-धाम से मानते हैं। यह इस्लामी कैलंडर का एक अहम महिना है। जिस महिना का नाम जिलहज्जा है।

Dhul hijjah की दस तारीख को हज भी अदा किया जाता है। पूरी दुनियाँ के मुसलमान मक्का शरीफ हज अदा करने के लिए पहुंचते हैं। जहां करोड़ों की भीड़ में लोग हज का फरिजा पूरा करते हैं।

Eid ul adha मुसलमानों का एक महत्तवपूर्ण त्योहार है। जो की तीन दिन तक मनाया जाता है यानि Dhul hijjah की 10 तारीख से 12 तारीख तक मनाया जाता है। इन तीनों दिन कुर्बानी की जाती है। इसलिए इन तीनों दिनों को Youmun Nahar कहा जाता है।

Eid ul adha 2023 Date in India-

ईदुल अद’हा /वर्ष तिथि एवं दिन
Eid ul Adha 202329 June 2023 बृहस्पतिवार
Eid ul Adha 202210 July 2022 इतवार
Eid ul adha 2021 21 जुलाई 2021 बुधवार (10 जिलहिज्जा 1442)
Eid ul adha 2020 1 August 2020 शनिवार
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Eid ul adha 2023

बच्चे Eid ul adha किस तरह मनाते हैं?

Eid ul adha का दिन बच्चों के लिए सबसे खास होता है। क्यूंकि बच्चों को ईद के दिन नए कपड़े के साथ ईदी के रूप में रुपये, खिलौने गिफ्ट मिलते जाते हैं। जिससे बच्चों की खुशी का ठिकाना नहीं रहता। सभी बड़े छोटों को ईदी देते हैं। यह बहुत पुरानी और विश्व स्तरीय परंपरा है।

इसके अतिरिक्त बच्चे अपने दोस्तों- सहेलियों से मिलने जाना, साथ ही पार्क, चिड़िया-घर की सैर, खिलौने खरीदना, ऊंट की सवारी आदि इन बच्चों की खुशियों में चार- चाँद लगा देता है।

Eid ul adha के दिन लोग EID ki Namaz के साथ रब को कसरत से  याद करते हैं, तसबीह व तहलील करते हैं, और अल्लाह के नाम पर कुरबानी करते हैं।

Eid ul fitr का दिन कब आता है?

Ramadhan का महेना खतम होने के बाद शववाल की पहली तारीख को Eid ul fitr मनाते हैं। Ramadhan का एक महेना सभी मुसलमान दिन में रोजा रखते हैं, और रात के समय में तरावीह का इहतेमाम करते हैं।

Eid ul adha व Eid ul fitr में भिन्नता-

ईदुल फ़ित्र के 69 दिन बाद Eid ul adha मनाया जाता है।

पूरा महीना रब की एबादत, गरीबों के बीच खाना बांटना, इफ्तार के समय गरीबों, फकीरों, आदि लोगों को खाना खिलाना, जरूरत मंद लोगों में कपड़े बांटना आम व प्रसिद्ध कार्य है।

फिर Ramadhan खतम होते ही गरीबों में Sadqa बाँटते हैं। कुछ लोग Ramadhan के महिना में ही सदका का वितरण कर देते हैं। कुछ लोग Eid ufitr के दिन सदका का वितरण करते हैं।

Eid ufitr केवल एक दिन मनाते हैं और उस दिन Eid ul fitr की नमाज़ पढ़ने के बाद सेवियाँ, पकोड़े, चाट, बिरयानी आदि स्पेशल डिश तैयार करते हैं। सभी लोग अपने दोस्त- रिश्तेदार, आस –पड़ोस से मिलने एक-दूसरे के घर जाते हैं।

Eid ul fitr का त्योहार मोहब्बत, भाई-चारगी, एक दूसरे के दुख- सुख को समझने का संदेश देता है।

Eid ul adha

Eid ul adha दसवीं जिलहज्जा को मनाई जाती है। सबसे अहम व अफजल ईद है।

Eid ul adha हज सम्पन्न होने के बाद आती है। जब सारे हाजी हज के अरकान पूरा कर लेते हैं। तो दसवीं जिलहज्जा को Eid ul adha की नमाज़ के साथ कुरबानी करते हैं।

Eid ul adha के दिन को youmun Nahar भी कहा जाता है। जिसका अर्थ होता है कुर्बानी का दिन।

क्यूंकि उस दिन मुसलमान अपने रब के नाम सबसे प्यारी चीज की कुर्बानी पेश करते हैं।

Eid ul adha / Bakrid kitne din hoti hai?

Eid ul adha Bakrid 2023 29 जून 2023 को मनाई जाएगी। Eid ul fitr के लगभग 69 दिन के बाद Eid ul adha / Bakrid का त्योहार आता है।

जिस दिन लोग ईद की नामज के साथ- साथ कुर्बानी भी करते हैं। इसी लिए यह त्योहार मुसलमानों के लिए खास है।

Eid ul adha Bakri क्यूँ अहम है?
इसका महत्त्व क्या है और मुसलमान क्यूँ Bakrid का त्योहार मनाते हैं?

हज़रत इब्राहीम अलैहिससलाम से कुर्बानी देने की परंपरा प्रारंभ हुई। जब हजरत इब्राहीम अलैहिससलाम की कोई औलाद नहीं थी, फिर हज़रत इब्राहीम और हज़रत हाजिरा के यहाँ एक प्यारा सा बेटा पैदा हुआ। जिसका नाम इस्माइल रखा गया।

एक रात हज़रत इब्राहीम अलैहिससलाम को ख्वाब में कहा गया कि सबसे प्यारी चीज की कुरबानी करो।

आपने सौ ऊंटों की कुर्बानी पेश कर दी।

फिर दूसरी रात ख्वाब में कहा गया कि अपनी सबसे प्यारी चीज की कुरबानी करो। आपने फिर सौ जानवरों की कुर्बानी दे दी।

तेसरी रात फिर यही हुक्म हुआ कि सबसे प्यारी और अच्छी चीज की कुर्बानी करो|

हजरत इब्राहीम अलैहिससलाम ने फिर दुंबे की कुर्बानी दे दी।

फिर आपने यही ख्वाब देखा कि सबसे प्यारी चीज की कुर्बानी करो। आपने पूछा रब ! किस चीज की कुर्बानी दूँ।

हुक्म हुआ अपने प्यारे बेटे इस्माइल की।

चूंकि बेटा सबसे प्यारा भी होता है इसी लिए उन्होनें सुबह उठ कर अपने बेटे हजरत इस्माइल अलैहिससलाम को साथ मे लिए और कुर्बानी के लिए चल दिए।

रास्ते में हजरत इस्माइल अलैहिससलाम ने पूछा कि अब्बा हमलोग कहाँ जा रहे हैं?

तो आपने बताया कि तेरी कुर्बानी मांगी गई है।

हजरत इब्राहीम ने अपने और बेटे की आँखों में पट्टी बाँधी। और कुर्बानी पेश कर दी। जब कुर्बानी के बाद आँखें खोली तो देखा की इस्माइल खड़े मुस्कुरा रहे हैं, उनकी जगह पर दुंबा/ बकरे की कुर्बानी हो चुकी है।

अल्लाह ने हजरत इस्माइल की कुर्बानी को बकरे की कुर्बानी में बदल दिया। जब से यह परंपरा चली आ रही है।

सभी मुसलमान Eid ul adha / Bakrid के दिन कुर्बानी देते हैं। Eid ul adha इस्लामी साल के आखिरी मेहीना की दस तारीख को होती है। अर्थात Dhilhijj की 10 तारीख को मनाते हैं।

Eid ul adha / Bakra Eid के दिन क्या करना चाहिए?

Bakra Eid के दिन सुबह उठकर सबसे पहले सुबह की नमाज़ फ़जर अदा करते हैं।

फिर नहाते हैं और नए कपड़े पहनते हैं। नए कपड़े न होतो धुले हुए साफ सुथरा कपड़े पहनते है। खुशबू, सुरमा, तेल, आदि लगते हैं। फिर Eidgah की सिम्त जाते हैं। जाने के दौरान तकबीर ए तशरीक पढ़ते हैं।

फिर Eidgah में Eid ul adha / Bakrid की नमाज़ पढ़ते हैं, जोकि 2 रक’अत नमाज़ पढ़ी जाती हैं। नमाज़ के बाद लोग आपस में एक दूसरे के गले मिलते हैं, और हाथ मिलाते हैं, बच्चों को ईदी देते हैं, गरीबों, फकीरों में खाना, कपड़ा, सदका ए फित्र बाँटते हैं।

ईदगाह से दूसरे रास्ते से वापिस आते हैं, एवं घर आकर कुर्बानी देते हैं।

तकबीर तशरीक क्या है, कब पढ़ते हैं?

Eid ul adha / Bakrid का महिना वेसे तो इबादत का महिना है। मगर इस अवसर पर जिलहिज्ज (बकरीद माह) की 9 तारीख की फ़जर की नमाज़ से  जिलहिज्ज की 13 तारीख की असर की नमाज़ तक तकबीर ए तशरीक पढ़ी जाती है।

यह एक खास दुआ है जिसे सभी मुसलमान Eid ul adha / Bakrid के अवसर पर अधिक से अधिक पढ़ते हैं।

तकबीर तशरीक यह है-
What is Takbir E Tashreek?

“अल्लाहू अकबर,अल्लाहू अकबर ला इलाहा इल्लल्लाहू अल्लाहू अकबर, अल्लाहू अकबर व लिल्लाहिल हम्द “

FAQ-

Q- Bakrid 203 Date in Bihar

Ans– 29 जून 2023 जुमेरात को बकरीद मनाई जाएगी.