Earned Leave Rules for Teachers in Bihar, अवकाश नियम-

Earned Leave Rules for Teachers in Bihar-अवकाश नियम-चिकित्सा अवकाश- (Medical Leave), अवकाश नियम-, असाधारण अवकाश-असाधारण अवकाश-विशेष अवकाश- आकस्मिक अवकाश)

बिहार पंचायत प्रारम्भिक विद्यालय सेवा शर्त ( नियुक्ति, प्रोन्नति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली 2020, व बिहार नगर प्रारम्भिक विद्यालय सेवा शर्त ( नियुक्ति, प्रोन्नति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली 2020 में शिक्षकों के अवकाश संबंधित नियमावली जारी हो चुका है।

बिहार शिक्षक नियमावली 2020 में नियुक्ति, प्रोन्नति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त संबंधित नियमावली के साथ शिक्षकों को मिलने वाले विभिन्न प्रकार के अवकाश जैसे: आकस्मिक अवकाश, मातृत्व अवकाश, पितृत्व अवकाश एव अर्जित अवकाश संबंधित नियम दर्ज है।

 सभी शिक्षकों को विभिन्न आवश्यकताओं के समय अवकाश की जरूरत पड़ती है। इसी लिए Leave Rules जानना भी जरूरी होता है ताकि अवकाश का उपयोग करने में आसानी हो।

 विभिन्न प्रकार के अवकाश (Leave) एवं Rules

आकस्मिक अवकाश ( Casual leave)

अर्जितावकाश ( Earned Leave Rules for Teachers)

मातृत्व अवकाश (Maternity Leave)

पितृत्व अवकाश (Paternity Leave)

क्षतिपूर्ति अवकाश-

चिकित्सा अवकाश- (Medical Leave)

विशेष अवकाश– (महिला शिक्षिका के लिए)

अध्ययन अवकाश-

असाधारण अवकाश-

बिहार शिक्षक सेवा शर्त 2020 पढ़ें-

Casual leave (आकस्मिक अवकाश) नियम-

सभी प्रारम्भिक एवं उच्च विद्यालयों के शिक्षकों एक वर्ष केलेंडर में 16 दिनों का आकस्मिक अवकाश मिलता है। जिसका उपयोग शिक्षक पूरे वर्ष में कभी भी कर सकते हैं।

विद्यालय के प्रधानाध्यापक आकस्मिक अवकाश स्वीकृत किया जाएगा।

शिक्षक अगर स्वयं प्रधानाध्यापक/ प्रधान शिक्षक होतो विद्यालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष द्वारा स्वीकृत किया जाएगा।

एक साथ कितने दिनों का आकस्मिक अवकाश दिया जाता है?

Casual leave (आकस्मिक अवकाश) एक साथ 10 दिनों से अधिक के लिए नहीं दिया जा सकेगा।

मातृत्व अवकाश (Maternity Leave) एवं Rule-

मातृत्व अवकाश- महिला प्रधान अध्यापक/ शिक्षिकाएं 180 दिनों के Maternity Leave की हकदार होती है।

मातृत्व अवकाश कब मिलता है?

महिला शिक्षिकाओं को पहले 2 बच्चों के जन्म पर मातृत्व अवकाश का लाभ दिया जाता है। जिसका उपयोग वे अपने बच्चों की देखभाल के लिए करती है। मातृत्व अवकाश का उपयोग करने के लिए उन्हें आवेदन के साथ बच्चे के जन्म का प्रमाण संबंधित विभाग को प्रस्तुत करना पड़ता है।

पितृत्व अवकाश (Paternity Leave) एवं Rule-

पितृत्व अवकाश– पुरुष प्रधान अध्यापक/ शिक्षकों को 15 दिनों के Paternity Leave दिया जाता है।

पितृत्व अवकाश कब मिलता है?

पुरुष शिक्षकों को पहले 2 बच्चों के जन्म पर पितृत्व अवकाश का लाभ मिलता है। जिसका उपयोग वे अपने बच्चों की देखभाल के लिए कर सकते है। पितृत्व अवकाश का उपयोग करने के लिए उन्हें आवेदन के साथ बच्चे के जन्म का प्रमाण संबंधित विभाग को प्रस्तुत करना पड़ता है।

Earned Leave Rules for Teachers

अर्जित अवकाश – शिक्षकों को प्रथम दो वर्ष की सेवा के उपरांत प्रत्येक वर्ष में 11 दिनों की छुट्टी अर्जित करते हुए अधिकतम 120 दिनों तक संचित होगा।

120 दिनों से अधिक अर्जित अवकाश स्वत: समाप्त हो जाएगा। सभी शिक्षकों एवं प्रधानाध्यापक को अर्जित अवकाश का लाभ मिलेगा।

चिकित्सा अवकाश (Medical Leave)

एक केलेंडर वर्ष में 20 दिनों का चिकित्सा अवकाश चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर मान्य होगा। चिकित्सा अवकाश सम्पूर्ण सेवा काल में 120 दिनों तक संचय किया जा सकेगा, एवं किसी भी वर्ष एक साथ 90 दिनों तक चिकित्सा अवकाश (Medical Leave) चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर दिया जाएगा। इसे आकस्मिक अवकाश के आगे या पीछे एक ओर ही जोड़ा जा सकता है।

चिकित्सा अवकाश किनके द्वारा स्वीकृत किया जाएगा?

चिकित्सा अवकाश प्रधानाध्यापक की अनुशंसा पर विद्यालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष द्वारा स्वीकृत किया जाएगा।

शिक्षक अगर स्वयं प्रधानाध्यापक/ प्रधान शिक्षक होतो विद्यालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष द्वारा स्वीकृत किया जाएगा।

विशेष अवकाश-

विशेष अवकाश- महिला शिक्षिका को प्रत्येक माह 2 दिनों का विशेष अवकाश दिया जाएगा। जोकि विद्यालय प्रधान द्वारा स्वीकृत किया जाएगा।

अध्ययन अवकाश-

शिक्षकों को उनकी सेवा में अधिकतम तीन वर्ष के इले अवैतनिक अध्ययन अवकाश दिया जा सकता है। इस अवकाश की अवधि को सेवा में टूट नहीं माना जाएगा।

अध्ययन अवकाश के लिए योगदान के 03 वर्ष की सेवा पूरा करने के बाद ही मिलेगा, एवं अध्ययन अवकाश उपयोग करने के बाद शिक्षक को एक नियत अवधि तक कार्य करना जरूरी होगा।

असाधारण अवकाश-

किसी जरूरी कारणवश एक केलेंडर वर्ष में 30 दिनों की अवधि के लिए अवैतनिक (असाधारण अवकाश) देने का प्रावधान है।

इसके कारण सेवा टूट नहीं माना जाएगा। इसके पश्चात अनुपस्थित रहने पर सेवा टूट माना जाएगा।

अधिकतम 5 वर्षों तक अनुपस्थित रहने पर सेवा समाप्त हो सकता है।

क्षतिपूर्ति अवकाश कब मिलता है?

बिहार सेवा संहिता के अंतर्गत क्षतिपूर्ति अवकाश सभी सरकारी कर्मियों/ शिक्षकों को दिया जाता है।

क्षतिपूर्ति अवकाश विशेष परिस्थितियों में खास-तौर पर अपत्तिक रिलीफ़, धार्मिक त्योहार और आपातकालीन, एवं अन्य अवसरों पर सार्वजनिक अवकाश की अवधियों में ड्यूटी करने पर दिया जाता है।

किसी भी पंचांग वर्ष में क्षतिपूर्ति अवकाश अधिकतम 20 दिन लिया जा सकता है। एवं किसी भी सरकारी सेवक एक साथ 13 दिनों से अधिक क्षतिपूर्ति अवकाश नहीं देने का प्रावधान है।

क्षतिपूर्ति अवकाश आकस्मिक अवकाश की तरह है, इस छुट्टी मे रहने पर सरकारी सेवक को आकस्मिक अवकाश की तरह कर्तव्य पर माना जाएगा।

क्षतिपूर्ति अवकाश की तरह क्षतिपूर्ति अवकाश भी संबंधित पदाधिकारी/ प्रधान द्वारा स्वीकृत किया जाएगा।

क्षतिपूर्ति अवकाश का उपयोग कब तक किया जा सकता है?

क्षतिपूर्ति अवकाश किसी पंचांग वर्ष के दूसरे वर्ष में एक वर्ष के अंदर ही किया जा सकता है।

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