Gantantra Diwas Par Nibandh Hindi mein- Republic Day Essay in Hindi 2021-Gantantra Diwas ka Nibandh
गणतंत्र दिवस पर निबंध हिन्दी में।
26 जनवरी हमारे देश का गणतंत्र दिवस है, इस दिन कों पूरे देश में लोग बड़े ही हर्षोल्लास के साथ राष्ट्रीय त्योहार के रूप में मनाते हैं। झंडोत्तोलन के साथ विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
अगरचे 15 अगस्त 1947 कों हमारा देश अंग्रेजों के चुनगुल से आजाद हो गया था लेकिन 26 जनवरी भारत के लिए खास है क्यूंकी इसी दिन 1950 कों गवर्नमेंट इंडिया ऐक्ट 1935 कों हटा कर हिंदुस्तान का संविधान लागू किया गया था।
गणतंत्र दिवस क्यूँ मनाते हैं?
आखिर 26 जनवरी कों ही संविधान क्यूँ लागू किया गया? कारण क्या ——-? तो मैं बात दूँ कि वास्तव में 26 जनवरी कों इस लिए चुना गया कि उसी दिन 1930 में इंडियन नैशनल काँग्रेस ने भारत के पूर्णत: स्वतंत्र होने की घोषणा किया था।
इस अवसर पर इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक राजपथ पर परेड का आयोजन किया जाता है।
26 जनवरी कों Gantantra Diwas के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर प्रत्येक वर्ष एक खूबसूरत व विशाल परेड का आयोजन इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक किया जाता है। गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम के अवसर पर राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है।
जिस में भारत सेना के जवान विभिन्न प्रकार की झाँककियां व बहादुरी का प्रदर्शन करते हैं।
साथ ही पूरे देश भर में लोग Gantantra Diwas के अवसर पर झंडोत्तोलन करते हैं,
विद्यालयों में बच्चों द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं।
मिठाइयां बांटी जाती हैं।
और एक दूसरे कों गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हैं।
हम सभी भारतीय गणतंत्र दिवस कों एक राष्टीय त्योहार के रूप में मनाते हैं।
सभी सरकारी, प्राइवेट कार्यालयों, विद्यालयों के एलावा देश के कोने-कोने में इसे बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता हैं।
कानूनसाज असम्बली ने 2 साल 11 महीने 18 दिन में भारतीय संविधान बनकर तैयार हुआ।
गणतंत्र दिवस (Gantantra Diwas )की कुछ विशेष बातें-
26 जनवरी कों गणतंत्र दिवस की परेड की शुरुआत 1950 कों भारतीय संविधान लागू के बाद हुई थी।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रत्येक वर्ष किसी न किसी देश के प्रधान मंत्री या राष्ट्रपति कों विशेष अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया जाता है।
सर्वप्रथम 26 जनवरी 1950 कों Gantantra Diwas के अवसर पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति डाक्टर सुकर्णो विशेष अतिथि के तौर पर सम्मिलित हुए थे।
राष्ट्रीय गान के दौरान 21 तोपों की सलामी दी जाती है। 21 तोपों की सलामी राष्ट्रगान के साथ प्रारंभ होती है और राष्ट्रगान के सम्पन्न होने के साथ ही खत्म हो जाती है।
21 तोपों की सलामी भारतीय सेना के 7 तोपों के द्वारा दी जाती है । हर एक तोप से 3 राउन्ड फ़ाइरिंग की जाती है।